पावर में थ्रस्ट एरिया

राष्ट्र के लिए विद्युत मंत्रालय का प्रधान केंद्र बिन्दु है 2019 तक सभी नागरिकों/स्थापनाओं का विश्वसनीय तथा गुणता विद्युत आपूर्ति को सुलभ बनाना और “24x7 सब के लिए बिजली” इस कार्यक्रम का लक्ष्य है।

 

अगली पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए अपनी वचनबद्धता को प्रदर्शित करने हेतु और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से लड़ने के लिए देश ने भी 2022 तक 175 जी डब्ल्यू की नवीकरणीय जनन क्षमता को जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। अविरत तथा विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति को प्राप्त करने तथा साथ ही ग्रिड़ में नवीकरणीयों के उच्च अंतर्वेशन को प्रभावी रूप से एकीकृत करने के लिए अनुसंधान कार्य करने हेतु निम्न अनु व वि प्रमुख क्षेत्र पहचाने गए हैं:

 

थर्मल जनरेशन

  • ग्रिड में वर्धित नवीकरणीय अन्तर्वेशन के कारण विद्युत शक्ति संयंत्रों पर चक्रण भारण के संघट्ट को पहचाना।
  • ऑन लाइन कोयला प्रतिचयन।
  • आईजीसीसी (एकीकृत गैसीकरण संयुक्त चक्र) में विशेषतया उच्चतर तापमान में सिन गैस शोधन में प्रौद्योगिकीय उन्नति।
  • विद्युत संयंत्र दक्षता बढ़ाने के लिए अपशिष्ट ऊष्मा प्रतिप्राप्ति प्रौद्योगिकियों की उपयोगिता।
  • स्थिर विद्युतिकी निष्पादन अवक्षेपक (ईएसपी) निष्पादन का सुधार।
  • तापीय शक्ति संयंत्र घटकों के उच्चतर आयु प्रत्याशा के लिए उन्नत पृष्ठीय इंजीनियरी प्रौद्योगिकियाँ।
  • ताप घटकों (ज्वालक, आस्तरक तथा परिरक्षक इत्यादि) का उच्च तापमान निघर्षण व अपरदन प्रतिरोधकता।
  • अंतिम चरण के वाष्प टरबाइन ब्लेडों का अभिकल्प व विकास तथा उन्नत सुधार हेतु बायलर के भीतर फ्लू गैस प्रवाह का संतुलन।
  • उप एवं अतिक्रांतीय बायलरों के बायलर दहन अभिकल सहायक तरल गतिकी (CFD) का निरूपण।
  • वाष्पन क्षय को कम करने के लिए उच्च तापीय स्नेहकों में अनुप्रयोग हेतु नैनो कणों एवं जल में योजकों का विकास।
  • पराश्रव्य प्रावस्था आव्यूह द्वारा निम्न दाब (एलपी) टरबाइन ब्लेडों के स्वस्थाने निरीक्षण जैसे संयंत्र घटकों के स्थिति निर्धारणार्थ उन्नत अविनाशी परीक्षण/अविनाशी परीक्षा (एनडीटी/एनडीई) पर आधारित निदान और निरीक्षण औज़ार।
  • कोयला दहन/मिश्रित कोयला दहन मूल्यांकन अध्ययन के लिए उन्नत सुविधाओं की स्थापना।
  • राख मापन में ऑनलाइन ईंधन कैलोरी मूल्य तथा अधजले कार्बन के लिए उपयोगिता बायलर, संवेदक प्रणालियों में दहन इष्टतमीकरण के लिए संतुलन एवं कोयला प्रवाह, सूक्ष्मता, तापन मूल्य के लिए ऑनलाइन मापन हेतु प्रौद्योगिकियों का विकास।
  • बायलरों के अंदर व अन्य आवेष्टनों में अगम/घने/जोखिमी क्षेत्रों का रॉबोटी निरीक्षण।
  • ताप विद्युत संयंत्रों में टरबाइन ब्लेडों और पाइपन प्रणालियों के पपडीकरण से बचने के लिए नई उन्नत विधाएँ।
  • ताप विद्युत संयंत्र में नैनो प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोग।
  • विद्युत संयंत्रों में ड्रोन/लिडार/राबोटिकी, फेज़र सुमेलन युनिटों में अद्यतन प्रौद्यिगिकियों का अनुप्रयोग।
  • नाइट्रस आक्साइड (NOx), सल्फर आक्साइड (Sox) उत्सर्जनों के नियंत्रण/न्यूनीकरण के साथ उत्सर्जन नियंत्रण प्रौद्योगिकियाँ।
  • रूढ़ तापीय संयंत्रों में जैवद्रव्यमान के सह ज्वलन पर संगतता अध्ययन।

हाइड्रो जनरेशन

ध्यान केंद्रित अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र निम्नांकित हैं :

  • जल टरबाइन ब्लेड एवं वाहक के लिए नए बेहतर अपरदन प्रतिरोधी सामग्रिया
  • नदी प्रवाह विसर्जन मापन, बाढ़ पूर्वानुमान में जी आई एस / जी पी एस का अनुप्रयोग।
  • कोटरन घटना का विश्लेषण व मानीटरन।
  • सोपानी जल विद्युत परियोजनाओं का एकीकृत प्रचालन।
  • बृहत आमाप गुफाओं के लिए चट्टान स्थायीकरण तकनीक।
  • नरम चट्टान / दुर्बल हिमालयी भू विज्ञान में सुरंगन।
  • सुरंगों के खनन तथा बाँध बुनियाद तथा विच्छेद दीवार निर्माण के दौरान दोषी भू विज्ञान से निपटने के उपाय।
  • जल संयंत्रों में सादन की समस्याएँ – टरबाइन घटक इत्यादि के लिए अनुसंधान।
  • भारतीय संदर्भ में पंप संचयन संयंत्र (पी एस पी) के लाभों पर अध्ययन विशेषकर परिवर्ती नवीकरणीय विद्युत जनन द्वारा बृहत क्षमता जोड़ की दृष्टि सेI
  • साद धावन द्वार के सेवा आयु बढाने के लिए संश्लेषण उपाय, सांख्यिकीय प्रवाह अनुकार, जल संयंत्र घटकों का निष्पादन इष्टतमीकरण और अभिकलन सहायक तरल गतिकी (सी एफ़ डी) के प्रयोग से साद उतारने के कक्ष की दक्षता में सुधारI
  • विभक्त वाहक की प्रौद्योगिकी / वाहकों का स्थल संविरचन।
  • बृहत आमाप / भार ढलाई तथा फोर्जन के लिए सुविधाओं का विकास I
  • सादमय जल के लिए शैफ्ट सील का विकास।
  • दक्षता बढाने के लिए जनित्र आधुनिकीकरण।
  • स्थली समुच्चय एवं 400 के वी जनित्र – परिणामित्र (जीटी) का स्वीकरण परीक्षण I
  • टरबाइन दक्षता के आन लाइन मापन के लिए मानीटरन प्रणाली I
  • विलेपन सामग्री अभिलक्षणों के निष्पादन अध्ययन के लिए परीक्षण सुविधा का अनुकार एवं विकासI
  • पीटीएफ़ई (पालि टेट्रा फ्लूरो एथिलीन) सामग्री का विकासI
  • अम्लीय जल में संक्षारण / अपरदन समस्याओं से निपटने का उपायI
  • चाप बांधों के लिए निर्माण प्रणाली विज्ञानI
  • स्थायीकरण प्रौद्योगिकी के प्रयोग से बड़े आमाप की गुफा का खननI
  • बाँध बुनियाद एवं विच्छेद दीवार में दोषी भू विज्ञान से निपटने के उपाय।
  • प्रवात नल में उत्तम दक्षता बिंदु के निकट दाब प्रतिप्राप्ति हानि के कारणI
  • रूढ़ एवं विपाटक ब्लेड वाहक के बीच गतिक दाब वितरण एवं तुलनाI
  • निर्देशक फलक के अंतःक्रिया की तरल रचना, कंपन और फ्रांसिस टरबाइन के निर्देशक फलक तर्कु पर बल का परिमाणI
  • टरबाइन वाहक त्वरण या वित्वरण के दौरान फलक रहित अंतरालों में उच्चावचन तथा फ्रांसिस टरबाइन के आपातकालीन काम बंदी के पश्चात् टरबाइन प्रवर्तन के दौरान निर्देशक फलक के गति का इष्टतमीकरणI
  • भार रहित प्रचालन / धाव पथ, भार निराकरण तथा फ्रांसिस टरबाइन का प्रवर्तन तथा कामबंदी के दौरान क्षणिका गतिक व्यवहार तथा वाहक ब्लेड भारणI फ्रांसिस टरबाइन का अनुकूल प्रवर्तन एवं कामबंदी तकनीक का विकास किया जा सकता हैI
  • जल टरबाइन इष्टतमीकरण और वर्धित दक्षता के लिए अभिकलन सहायक तरल गतिकी (सी एफ़ डी) साधनों के प्रयोग से सांख्यिकीय प्रवाह अनुकारI
  • उप –सतह भू-विज्ञान के निर्धारण के गैर अंतर्वेधन प्रणालियों की खोजI
  • यू एच वी डी सी + / - 800 केवी पारेषण प्रणाली पर एवं उपरोक्त पर किए गए अनुसंधान में निम्न पहलुएँ शामिल हैं I (1) डी सी विद्युत क्षेत्र, उपकरण तथा इलेक्ट्रोड पर कोरोना अध्ययन I (2) विद्युत रोधी सतह पर प्रदूषण का प्रभाव ; विद्युत रोधी प्रोफाइल का चयन, साधारण एवं प्रदूषित स्थितियों में डी सी प्रतिबल को सहन करने का विन्यास I (3) डी सी विद्युत प्रतिबल के अधीन बुशिंग का निष्पादन I (4) परिणामित्र विद्युत रोधन, कालप्रभावन अध्ययन, निदान साधन पर डी सी प्रतिबल के प्रभाव I
  • नामी ए सी पारेषण प्रणाली (FACTS) साधनों के लिए नियंत्रकों का विकास I
  • रूढ स्टेशन बस प्रौद्योगिकी के बजाय प्रक्रम बस प्रौद्योगिकी के लाभ जानने की प्रधान परियोजना। रूढ धारा परिणामित्र की जगह प्रकाशिक धारा परिणामित्रों के एकीकरण के लिए अध्ययन।
  • बुशिंग और परिणामित्रों का निष्पादन सुधार ।
  • वास्तविक समय विद्युत प्रणाली अनुकारक ।
  • प्रणाली सुरक्षा तथा प्रचालक प्रशिक्षण साफ्टवेयर तथा अनुकार साधन ।
  • गैस विद्युत रोधित पारेषण लाइन (जी आई टी एल)
  • थोक विद्युत पारेषण के लिए ई एच वी केबिल तथा अंत: समुद्री केबिल
  • अति चालकीय चुम्बकीय ऊर्जा संचयन प्रणाली (एस एम ई एस)
  • परिणामित्रों के लिए उच्च गुणता प्रेस बोर्ड विद्युत रोधन
  • रेज़िन संसेचित कागज़ (आर आई पी) बुशिंग
  • एस एफ 6 पूरित बृहत क्षमता विद्युत परिणामित्र प्रौद्योगिकी
  • परिसंपत्तियों का जी आई एस मान चित्रण
  • भारण तथा ऊर्जा पूर्वानुमान की अभिनव प्रणाली
  • पारेषण व वितरण स्तरों पर विद्युत प्रणाली हार्मोनिकी का न्यूनीकरण तथा वितरण स्तर पर विद्युत गुणता में सुधार ।
  • परिणामित्र विहीन एच वी डी सी पारेषण
  • आपातकालीन पुन: प्राप्ति प्रणाली (ई आर एस) का विकास
  • नवीकरणीय तथा सूक्ष्म ग्रिड सहित विद्युत क्षेत्र में उच्च तापमान अति चालकीय (एच टी एस) प्रौद्योगिकी।
  • रेडियो, टी वी व संचार संकेंतों से वैद्युत चुम्बकीय व्यतिकरण।
  • परिणामित्र / टर्बो जनित्र के लिए जैविक अपघटनीय विद्युत रोधन / स्नेहक तेल।
  • सूचनाप्रद साइबर सुरक्षा सम्बंधी साफ्टवेयर हल और विद्युत सेक्टर में उनके अनुप्रयोग।
  • विद्युत क्षेत्र में विस्तृत डेटा प्रौद्योगिकी का कार्यान्वयन।
  • कठिन एवं अगम क्षेत्रों में विद्युत प्रणाली उपस्कर के निर्माण, पर्यवेक्षण , प्रचालन व अनुरक्षण में रोबोटिकी तथा स्वचालित हवाई वाहनों (यू ए वी उदा. ड्रोन) का प्रयोग।
  • अंतिम माइल संयोजन के लिए गैस विद्युत रोधी लाइन ।
  • वितरण जाल का हस्त – अभिकल्प एक श्रम प्रधान गतिविधि है । अभिकल्प स्वचालन तकनीक को मानकीकृत करना और उसे बढावा देने की तीव्र माँग है जिससे लागत को कम किया जा सके और निष्पादन में सुधार हो । विद्युत वितरण स्वचालन की आगामी अनुसंधान पहलुएँ निम्नानुसार हैं :
  1. ग्राहक स्तर सूचनाप्रद स्वचालन प्रणाली
  2. वितरण जाल के लिए योजना- औज़ार
  3. वितरण परिणामित्रों का कम्प्यूटर सहायक मानीटरण तथा नियंत्रण
  4. उपकेंद्र तथा प्रदायक स्तर स्वाचलन
  5. वितरण प्रचालन के लिए डेटा संचार प्रणाली
  6. वितरण स्वचालन साफ्ट्वेयर का विकास व मानकीकरण
  • स्मार्ट ग्रिड के फैलाव से भार क्षेपण सुविधाएँ, जो अधिक चयनात्मक होंगी तथा क्रांतिक भारों को सेवा देने के साथ, प्रणाली प्रचालक को अनावश्यक भार क्षेपण करने में समर्थ बनाएगा ।
  • सुरक्षा और संरक्षण प्रणाली का विकास जिसमें दूरस्थ नियंत्रण द्वारा प्रदायक को प्रचालित करने की क्षमता शामिल है तथा आवृत्ति स्थितियों और वोल्टता पात की प्रतिक्रिया में भार नियंत्रण की संभावना रखता हो।
  • कार्बनिक पॉलिमर आधारित वैद्युत संदीप्ति प्रकाश स्रोतों के विकास की आवश्यकता जो उच्च शक्ति सिलिकॉन आधारित प्रकाश उत्सर्जन साधनों के साथ प्रतिस्पर्ध्दा कर सके ।
  • घरेलु पर्यावरणीय स्थितियों के आवश्यकतानुसार ऊर्जा दक्ष, लागत प्रभावी, विश्वसनीय और भविष्य के लिए तैयार एल ई डी का विकास ।
  • बडे पैमाने के नवीकरणीयों के कारण विद्युत गुणता पर संधट्ट अध्ययन ।
  • विद्युत वाहनों का उच्च गति चार्जन
  • उच्च क्षमता ऊर्जा संचयन प्रणालियों के लिए सामग्री का विकास ।
  • एरियल गुच्छित केबिलों तथा रूढ चालकों के प्रयोग से वितरण प्रदायकों के प्रबलित बहिरंशों का तुलनात्मक अध्ययन।
  • निम्न के प्रयोग से वितरण परिणामित्रों (जैसे 25 केवीए तथा 100 केवीए) की हानियों व विश्वसनीयता स्तरों का तुलनात्मक अध्ययन :
  1. ए. मिल का ताजा सीआरजीओ
  2. बी. विभिन्न स्रोतों से रद्दी/दोषी सीआरजी ओ ।
  • निम्न की हानियों तथा विश्वसनीयता स्तरों का तुलनात्मक अध्ययन :
  1. ए. शुष्क प्रकार के वितरण परिणामित्र
  2. बी. तेल निमज्जित वितरण परिणामित्र
  • निम्न के प्रयोग से वितरण परिणामित्रों की विश्वसनीयता स्तरों का तुलनात्मक अध्ययन :
  1. ए. सीआरजीओ क्रोड़
  2. बी. अक्रिस्टलीय क्रोड़
  • विद्युतरोधन, क्रोड़, कुंडलन, टंकी इत्यादि के लिए सामग्री का विकास जो परिणामित्रों के आमाप को कम कर सकता है।
  • आई टी आधारित भार जैसे विभिन्न भार मिश्रण वाले क्षेत्र, काफी बड़े सिंचाई पम्पसेट वाले क्षेत्र, औद्योगिकी भार विशेषकर विद्युत चाप भट्ठी तथा संकर्षण आपूर्ति इत्यादि वाले क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की गुणता का अध्ययन।      
  • आग या इससे संबंधित जोखिमों के संदर्भ में क्षेत्र निष्पादन जानने की दृष्टि से खनिज तेल पूरित, शुष्क प्रकार तथा के-वर्ग तेल पूरित वितरण परिणामित्रों के निष्पादन का मूल्यांकन
  • उपयुक्त दर सूची मॉडल जो दिन का समय (टीओडी) तथा शिखर ऊर्जा बनाम औसत ऊर्जा खपत पर आधारित प्रभार का अभिकलन कर सकेगा।
  • विफलताओं की पूर्व चेतावनियों को पाने हेतु उपकेंद्र उपकरण (जैसे परिणामित्र, परिपथ विच्छेदक, सीटी इत्यादि) के लिए आनलाइन मानीटरन प्रणालियों का विकास।
  • ऊर्जा संचयन युक्तियाँ: बृहत क्षमता के विद्युत संचयन प्रौद्योगिकी।
  • सौर पी वी तथा पवन पूर्वानुमान प्रौद्योगिकियों का विकास।
  • सौर पी वी निष्पादन तथा अपचयन अध्ययन ।
  • सूक्ष्म ग्रिड़ तथा ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण।
  • वितरण वोल्टता स्तरों पर सूक्ष्म ग्रिडों का अंतर संयोजन तथा सूक्ष्मग्रिड़ों के बीच विद्युत प्रवाह का नियंत्रण
  • प्लवमान सौर संयंत्रों के लिए लागत प्रभावी उत्प्लावकों का देशी विकास।
  • पीवी उपचयन अध्ययन अधिकतम सौर पीवी जनन के लिए सबसे उपयुक्त प्रौद्योगिकी की पहचान।
  • पीवी माड्यूलों के लिए आर्द्र तथा शुष्क रॉबोटिकी शोधन प्रणाली का देशी विकास।
  • पीवी माड्यूलों के लिए अति जल विरोधी विलेपों का विकास।
  • पीवी संयंत्र निरीक्षण के लिए स्वचालित हवाई वाहन (यूएवीएस) ड्रोन और लीडार की उपवयोगिता।
  • पाक कला प्रणालियाँ, अलवणीकरण तथा शीतन प्रणालियों के लिए संकेंद्रित सौर ताप ऊर्जा की उपयोगिता।
  • सौर तापीय तथा जीवाश्म ईंधन पर आधारित विद्युत संयंत्रों का विकास।
  • छत्तोपरि तथा सूक्ष्म जनन का ग्रिड में तुल्यकालन ।
  • सूक्ष्म ग्रिड़ व वितरण प्रणाली के स्तर पर प्रतिघाती विद्युत प्रबंधन और ग्रिड स्थायीकरण की ओर उसका योगदान।
  • नवीकरणीय ऊर्जा जनन पर जलवायु, मौसम, भूगोल, ऋतुएँ व अन्य गुणकों का प्रभाव।
  • वितरण स्तर पर ऊर्जा खपत प्रतिरूप पर आर्थिक व सामाजिक गुणक और विभिन्न स्तरों पर सोसाइटी के जीवनचर्या पर प्रभाव।
  • भारत के विविक्त क्षेत्र / गॉवों में पीको जल विद्युत की उपयुक्तता।
  • ईंधन कोशिका विकास।
  • विद्युत गतिशीलता मुद्दे – परिवहन अनुप्रयोग के लिए उपयुक्त त्वरित चार्जन क्षमता सहित अति दस बैटरियों का विकास।
  • संकेंद्रित सौर विद्युत प्रौद्योगिकी का देशीकरण।
  • प्लवमान सौर प्रकाश वोल्टीय तथा भवन एकीकृत प्रकाश वोल्टीय के प्रयोग को बढ़ाना।
  • विद्युत संयंत्र अनुप्रयोगों के लिए नैनो प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोगI
  • ऊर्जा जनन के लिए जैव द्रव्यमान एवं जैव ईँधन।
  • अपशिष्ट का ऊर्जा परिवर्तन।
  • सुरक्षित निपटान तंत्र और संबंधित पर्यावरणीय प्रदूषण को रोकने के लिए सौर पी वी पैनलों का पुनर्चक्रण।
  • ग्रिड में नवीकरणीयों का बड़े पैमाने पर एकीकरण का प्रभाव।
  • सड़कों पर सौर संयंत्र।
  • सौर सेलों में सूक्ष्म दरारों के संसूचन के लिए प्रणाली / उपकरण का विकास।
  • ग्रिड एकीकृत नवीकरणीय ऊर्जा में FACTS युक्तियों जैसे सौर तथा पवन फार्म प्रतीपकों की स्मार्ट उपयोगिता।
  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT), बृहत डेटा विश्लेषण, मेघ अभिकलन, उपकरण तथा प्रणाली की साइबर सुरक्षा तथा संरक्षणI
  • विद्युत प्रणाली योजना की अभिनव प्रणालियाँ।
  • विद्युत प्रणाली परिसंपत्तियों / भूगोलीय डेटा प्रस्तुतीकरण में जीआईएस सॉफ्टवेयर का विकास एवं प्रयोग।
  • बेतार विद्युत पारेषण।
  • इलेक्ट्रॉन धरन द्वारा उच्च गंधक कोयला के लिए फ्लू गैस अगंधकीकरण (FGO) का प्रौद्योगिकी विकास (SO2 से SO3 में रूपांतरण)
  • बेसाल्ट तथा अवसादी चट्टान, एमाइन विलयन जैसे भू - विज्ञानी निर्माणों में CO2 संचयन एवं अभिग्रहण
  • बाह्य विद्युत रोधन - AC एवं DC प्रणालियों में प्रदूषण प्रभाव
  • अपशिष्ट जल उपचार तथा पुनर्चक्रण प्रौद्योगिकियों का प्रभाव
  • मानवों पर वैद्युत चुंबकीय तरंगों का प्रभाव विशेषकर पारेषण वोल्टताओं के उन्नयन के संदर्भ में I
  • राख जल के pH में कमी लाने के लिए CO2 का प्रयोगI
  • CO2 अभिग्रहण के लिए दाब प्रेंखण प्रखंड अधिशोषण (PSA) प्रक्रिया और उपयोगी उत्पादों में CO2 का रूपांतरण
  • अघूर्णन के लिए सूक्ष्म शैवाली प्रक्रिया का विकास
  • कार्बन अधिग्रहण व उपयोगिता तकनीक में संभाव्यता एवं ज्ञान साझा करने का अनुसंधान
  • (उड़ती राख ) फ्लाई ऐश की थोक उपयोगिताओं के लिए विकासशील प्रौद्योगिकियों को अपनाना
  • शून्य द्रव विसर्जन
  • विद्युत संयंत्र के लिए मलक जल की पुनः प्राप्ति व उपयोगिता
  • वाष्पन हानियों को कम करने के लिए जल के योजकों के लिए नैनो कणों का विकास